Inspirational Short Stories Hindi That Can Change Life-8

0
457
Motivational story in hindi for success
Motivational story in hindi for success

Motivational hindi Story-1

“आधी रोटी का कर्ज inspirational short stories

पत्नी बार बार मां पर इल्जाम लगाए जा रही थी और पति बार बार उसको अपनी हद में रहने की कह रहा था लेकिन पत्नी चुप होने का नाम ही नही ले रही थी व् जोर जोर से चीख चीखकर कह रही थी कि

 

“”उसने अंगूठी टेबल पर ही रखी थी और तुम्हारे और मेरे अलावा इस कमरें मे कोई नही आया अंगूठी हो ना हो मां जी ने ही उठाई है।।

बात जब पति की बर्दाश्त के बाहर हो गई तो उसने पत्नी के गाल पर एक जोरदार तमाचा दे मारा अभी तीन महीने पहले ही तो शादी हुई थी ।

पत्नी से तमाचा सहन नही हुआ वह घर छोड़कर जाने लगी और जाते जाते पति से एक सवाल पूछा कि तुमको अपनी मां पर इतना विश्वास क्यूं है..??

तब पति ने जो जवाब दिया उस जवाब को सुनकर दरवाजे के पीछे खड़ी मां ने सुना तो उसका मन भर आया पति ने पत्नी को बताया कि

“”जब वह छोटा था तब उसके पिताजी गुजर गए मां मोहल्ले के घरों मे झाडू पोछा लगाकर जो कमा पाती थी उससे एक वक्त का खाना आता था

मां एक थाली में मुझे परोसा देती थी और खाली डिब्बे को ढककर रख देती थी और कहती थी मेरी रोटियां इस डिब्बे में है

बेटा तू खा ले मैं भी हमेशा आधी रोटी खाकर कह देता था कि मां मेरा पेट भर गया है मुझे और नही खाना है

मां ने मुझे मेरी झूठी आधी रोटी खाकर मुझे पाला पोसा और बड़ा किया है

आज मैं दो रोटी कमाने लायक हो गया हूं लेकिन यह कैसे भूल सकता हूं कि मां ने उम्र के उस पड़ाव पर अपनी इच्छाओं को मारा है,

वह मां आज उम्र के इस पड़ाव पर किसी अंगूठी की भूखी होगी ….

यह मैं सोच भी नही सकता तुम तो तीन महीने से मेरे साथ हो मैंने तो मां की तपस्या को पिछले पच्चीस वर्षों से देखा है…

यह सुनकर मां की आंखों से छलक उठे वह समझ नही पा रही थी कि बेटा उसकी आधी रोटी का कर्ज चुका रहा है या वह बेटे की आधी रोटी का कर्ज…

life changing hindi stories

Inspirational Story-2 “जीना इसी का नाम है!

एक बार पचास लोगों का ग्रुप। किसी मीटिंग में हिस्सा ले रहा था।

मीटिंग शुरू हुए अभी कुछ ही मिनट बीते थे कि स्पीकर अचानक ही रुका और सभी पार्टिसिपेंट्स को गुब्बारे 🏉देते हुए बोला , ” आप सभी को गुब्बारे पर इस मार्कर से अपना नाम लिखना है। ” सभी ने ऐसा ही किया।

अब गुब्बारों को एक दुसरे कमरे में रख दिया गया।

स्पीकर ने अब सभी को एक साथ कमरे में जाकर पांच मिनट के अंदर अपना नाम वाला गुब्बारा ढूंढने के लिए कहा।

सारे पार्टिसिपेंट्स तेजी से रूम में घुसे और पागलों की तरह अपना नाम वाला गुब्बारा ढूंढने लगे।

पर इस अफरा-तफरी में किसी को भी अपने नाम वाला गुब्बारा नहीं मिल पा रहा था…

5 पांच मिनट बाद सभी को बाहर बुला लिया गया।

स्पीकर बोला , ” अरे! क्या हुआ , आप सभी खाली हाथ क्यों हैं ? क्या किसी को अपने नाम वाला गुब्बारा नहीं मिला ?” ”

नहीं ! हमने बहुत ढूंढा पर हमेशा किसी और के नाम का ही गुब्बारा हाथ आया…”, एक पार्टिसिपेंट कुछ मायूस होते हुए बोला।

“कोई बात नहीं , आप लोग एक बार फिर कमरे में जाइये , पर इस बार जिसे जो भी गुब्बारा मिले उसे अपने हाथ में ले और उस व्यक्ति का नाम पुकारे जिसका नाम उसपर लिखा हुआ है। “, स्पीकर ने निर्दश दिया।

एक बार फिर सभी पार्टिसिपेंट्स कमरे में गए, पर इस बार सब शांत थे , और कमरे में किसी तरह की अफरा- तफरी नहीं मची हुई थी। सभी ने एक दुसरे को उनके नाम के गुब्बारे दिए और तीन मिनट में ही बाहर निकले आये।

स्पीकर ने गम्भीर होते हुए कहा ,” बिलकुल यही चीज हमारे जीवन में भी हो रही है।

हर कोई अपने लिए ही जी रहा है , उसे इससे कोई मतलब नहीं कि वह किस तरह औरों की मदद कर सकता है , वह तो बस पागलों की तरह अपनी ही खुशियां ढूंढ रहा है , पर बहुत ढूंढने के बाद भी उसे कुछ नहीं मिलता ,

हमारी ख़ुशी दूसरों की ख़ुशी में छिपी हुई है।

जब तुम औरों को उनकी खुशियां देना सीख जाओगे तो अपने आप ही तुम्हे तुम्हारी खुशियां मिल जाएँगी। और यही मानव-जीवन का उद्देश्य है ।

motivational hindi stories

Inspiring Hindi Story-3

“कहीं हम भी खूटियों से तो नहीं बंधे हैं?

रेगिस्तानी मैदान से एक साथ कई ऊंट अपने मालिक के साथ जा रहे थे। अंधेरा होता देख मालिक ने एक सराय में रुकने का आदेश दे दिया।

निन्यानवे ऊंटों को जमीन में खूंटियां गाड़कर उन्हें रस्सियों से बांध दिया मगर एक ऊंट के लिए खूंटी और रस्सी कम पड़ गई। सराय में खोजबीन की , पर व्यवस्था हो नहीं पाई।

तब सराय के मालिक ने सलाह दी कि तुम खूंटी गाड़ने जैसी चोट करो और ऊंट को रस्सी से बांधने का अहसास करवाओ।

यह बात सुनकर मालिक हैरानी में पड़ गया , पर दूसरा कोई रास्ता नहीं था , इसलिए उसने वैसा ही किया। झूठी खूंटी गाड़ी गई , चोटें की गईं।

ऊंट ने चोटें सुनीं और समझ लिया कि बंध चुका है। वह बैठा और सो गया। सुबह निन्यानबे ऊंटों की खूटियां उखाड़ीं और रस्सियां खोलीं , सभी ऊंट उठकर चल पड़े , पर एक ऊंट बैठा रहा।

मालिक को आश्चर्य हुआ – अरे , यह तो बंधा भी नहीं है , फिर भी उठ नहीं रहा है। सराय के मालिक ने समझाया – तुम्हारे लिए वहां खूंटी का बंधन नहीं है मगर ऊंट के लिए है।

जैसे रात में व्यवस्था की , वैसे ही अभी खूंटी उखाड़ने और बंधी रस्सी खोलने का अहसास करवाओ। मालिक ने खूंटी उखाड़ दी जो थी ही नहीं , अभिनय किया और

रस्सी खोल दी जिसका कोई अस्तित्व नहीं था। इसके बाद ऊंट उठकर चल पड़ा।

न केवल ऊंट बल्कि मनुष्य भी ऐसी ही खूंटियों से और रस्सियों से बंधे होते हैं जिनका कोई अस्तित्व नहीं होता। मनुष्य बंधता है अपने ही गलत दृष्टिकोण से , मिथ्या सोच से , विपरीत मान्यताओं की पकड़ से।

ऐसा व्यक्ति सच को झूठ और झूठ को सच मानता है। वह दोहरा जीवन जीता है। उसके आदर्श और आचरण में लंबी दूरी होती है।

इसलिए जरूरी है कि मनुष्य का मन जब भी जागे , लक्ष्य का निर्धारण सबसे पहले करे। बिना उद्देश्य मीलों तक चलना सिर्फ थकान, भटकाव और नैराश्य देगा , मंजिल नही।

स्वतंत्र अस्तित्व के लिए मनुष्य में चाहिए सुलझा हुआ दृष्टिकोण, देश , काल , समय और व्यक्ति की सही परख , दृढ़ संकल्प शक्ति , पाथेय की पूर्ण तैयारी , अखंड आत्मविश्वास और स्वयं की पहचान।

best inspiring hindi stories

Inspirational Hindi Story-4

“हम गुस्से मे चिल्लाते क्यों हैं ?

एक बार एक संत अपने शिष्यों के साथ बैठे थे। अचानक उन्होंने सभी शिष्यों से एक सवाल पूछा। बताओ जब दो लोग एक दूसरे पर गुस्सा करते हैं तो जोर-जोर से चिल्लाते क्यों हैं?

शिष्यों ने कुछ देर सोचा और एक ने उत्तर दिया : हम अपनी शांति खो चुके होते हैं इसलिए चिल्लाने लगते हैं।

संत ने मुस्कुराते हुए कहा : दोनों लोग एक दूसरे के काफी करीब होते हैं तो फिर धीरे-धीरे भी तो बात कर सकते हैं। आखिर वह चिल्लाते क्यों हैं?

कुछ और शिष्यों ने भी जवाब दिया लेकिन संत संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने खुद उत्तर देना शुरू किया।

वह बोले : जब दो लोग एक दूसरे से नाराज होते हैं तो उनके दिलों में दूरियां बहुत बढ़ जाती हैं। जब दूरियां बढ़ जाएं तो आवाज को पहुंचाने के लिए उसका तेज होना जरूरी है।

दूरियां जितनी ज्यादा होंगी उतनी तेज चिल्लाना पड़ेगा। दिलों की यह दूरियां ही दो गुस्साए लोगों को चिल्लाने पर मजबूर कर देती हैं। वह आगे बोले, जब दो लोगों में प्रेम होता है तो वह एक दूसरे से बड़े आराम से और धीरे-धीरे बात करते हैं।

प्रेम दिलों को करीब लाता है और करीब तक आवाज पहुंचाने के लिए चिल्लाने की जरूरत नहीं। जब दो लोगों में प्रेम और भी प्रगाढ़ हो जाता है तो वह खुसफुसा कर भी एक दूसरे तक अपनी बात पहुंचा लेते हैं।

इसके बाद प्रेम की एक अवस्था यह भी आती है कि खुसफुसाने की जरूरत भी नहीं पड़ती। एक दूसरे की आंख में देख कर ही समझ आ जाता है कि क्या कहा जा रहा है।

शिष्यों की तरफ देखते हुए संत बोले : अब जब भी कभी बहस करें तो दिलों की दूरियों को न बढ़ने दें। शांत चित्त और धीमी आवाज में ही बात करें। ध्यान रखें कि कहीं दूरियां इतनी न बढ़ जाएं कि वापिस आना ही मुमकिन न हो।

https://www.keepinspiring.me/positive-inspirational-life-quotes/

Life Changing Story-5

कबूतर और इंसान

एक प्राचीन मंदिर की छत पर कुछ कबूतर राजीखुशी रहते थे।जब वार्षिकोत्सव की तैयारी के लिये मंदिर का जीर्णोद्धार होने लगा तब कबूतरों को मंदिर छोड़कर पास के चर्च में जाना पड़ा।

चर्च के ऊपर रहने वाले कबूतर भी नये कबूतरों के साथ राजीखुशी रहने लगे।

क्रिसमस नज़दीक था तो चर्च का भी रंगरोगन शुरू हो गया।अत: सभी कबूतरों को जाना पड़ा नये ठिकाने की तलाश में।

किस्मत से पास के एक मस्जिद में उन्हे जगह मिल गयी और मस्जिद में रहने वाले कबूतरों ने उनका खुशी-खुशी स्वागत किया।

रमज़ान का समय था मस्जिद की साफसफाई भी शुरू हो गयी तो सभी कबूतर वापस उसी प्राचीन मंदिर की छत पर आ गये।

एक दिन मंदिर की छत पर बैठे कबूतरों ने देखा कि नीचे चौक में धार्मिक उन्माद एवं दंगे हो गये।

छोटे से कबूतर ने अपनी माँ से पूछा “” माँ ये कौन लोग हैं ?””

माँ ने कहा “” ये मनुष्य हैं””।

छोटे कबूतर ने कहा “” माँ ये लोग आपस में लड़ क्यों रहे हैं ?””

माँ ने कहा “” जो मनुष्य मंदिर जाते हैं वो हिन्दू कहलाते हैं, चर्च जाने वाले ईसाई और मस्जिद जाने वाले मनुष्य मुस्लिम कहलाते हैं।””

छोटा कबूतर बोला “” माँ एसा क्यों ? जब हम मंदिर में थे तब हम कबूतर कहलाते थे, चर्च में गये तब भी कबूतर कहलाते थे और जब मस्जिद में गये तब भी कबूतर कहलाते थे, इसी तरह यह लोग भी मनुष्य कहलाने चाहिये चाहे कहीं भी जायें।””

माँ बोली “” मेनें, तुमने और हमारे साथी कबूतरों ने उस एक ईश्वरीय सत्ता का अनुभव किया है इसलिये हम इतनी ऊंचाई पर शांतिपूर्वक रहते हैं।

इन लोगों को उस एक ईश्वरीय सत्ता का अनुभव होना बाकी है , इसलिये यह लोग हमसे नीचे रहते हैं और आपस में दंगे फसाद करते हैं।””

Best Motivational Hindi Story -6

डर के आगे जीत हैं

 

बहुत समय पहले की बात है, एक जंगल में एक चूहा था जो हमेशा बिल्ली के डर से सहमा सहमा रहता था। बिल्ली के डर के कारन वो अक्सर अपने बिल में ही छुप कर रहता था, न तो अपने साथी चूहों के साथ खेलता और न ही बाहर निकलने का साहस जुटा पाता था।

 

एक दिन एक बुजर्ग ने उस डरपोक चूहे को एक चमत्कारी स्वामी जी के बारे में बताया जो सबकी मदद करते थे। डरपोक चूहा बड़ी हिम्मत कर बिल के बाहर निकला और स्वामीजी के पास गया।

चूहे ने अपनी समस्या स्वामी जी को बताई और मदद की गुहार लगाकर रोने लगा। स्वामी जी को उस चूहे पर दया आने लगी और उन्होंने उस चूहे को आशीर्वाद देकर अपने शक्ति से बिल्ली बना दिया।

 

कुछ दिनों तक बिल्ली ठीक रही पर अब उसे कुत्तो का डर सताने लगा, वह फिर स्वामी जी के पास जाकर रोने लगा। स्वामी जी ने उसे अपनी शक्ति से कुत्ता बना दिया। कुत्ता बनने के बाद वह जंगल में शेर से डरने लगा। स्वामी जी ने उसे शेर बना दिया।

 

शेर की ताकत और क्षमता होने के बावजूद अब वह शिकारी से डर-डर कर रहने लगा। वह फिर से स्वामीजी के पास गया और मदद की गुहार लगाने लगा।

स्वामिजी ने शेर की बात सुनकर उसे फिर से चूहा बना दिया और कहा,” मै अपनी शक्ति से चाहे जो कर लू या तुम्हे जो बना दू फिर भी मै तुम्हारी कोई भी मदद नहीं कर सकता क्योंकि तुम्हारा दिल हमेशा उस डरपोक चूहे वाला ही रहेंगा।”

 

यह सिर्फ एक कहानी नहीं है ! कही न कही हम सभी में से बहुत से लोगो की यही हकीकत है। आज हम सब किसी न किसी डर के खौंफ में जी रहे है।

किसी को मौत का डर है, किसी को अपनों से बिछड़ने का, अस्वीकृति का, बॉस का या फिर असफल होने का डर है। डर नामक इस बीमारी की वजह से हम हम उस मुकाम तक नहीं पहुच पाते जिस के हम काबिल है। गब्बर ने भी सही कहा है,”जो डर गया समझो मर गया!”।

 

आप जितना अपने डर से दूर भागेंगे वह उनता ही आप के पास आकर आप पर हावी हो जायेंगा। जिस दिन आप हिम्मत उठाकर उसका सामना करेंगे वह पल भर में गायब हो जायेंगा और तब आपकी समझ में आ जायेंगा की जिससे आप डर रहे थे वो केवल आप के मन का वहम है।

अपने मन में बसे डर को दूर भगाकर आत्मविश्वास और मेहतन से आप अपनी हर मंजिल को हासिल कर सकते है।

And If you like this inspirational short stories that can change life  please comment and join with us.
Because your support encourage us.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here